राजनीति में बदलाव की दरकार

 


रिपोर्ट : विमल कुमार


 


 


 


जो लोग युद्ध का जश्न मनाते है, वे लोग कभी युद्ध मे हिस्सा नहीं लेते। जो लोग युद्ध मे हिस्सा लेते हैं वे लोग कभी युद्ध का जश्न नहीं मनाते हैं, युद्ध मे दागी गई हर एक गोली किसी महिला के सीने को अपना निशाना बनाती है, किसी महिला के दिल पर अपना निशान छोड़ जाती है। बेटे अपने शहीद पिता का अंतिम संस्कार करते है, लोग तो कहते है कि वह एक हीरो की मौत मरा उसका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा वह शहीद हुआ है देश के लिए अपनी जान दी है। यह जरा उसकी माँ से कहो जो कभी अपने बेटे को दोबारा नहीं देख पाएगी। यह उसकी बीबी से कहो जो जिंदगी भर के लिए अपने पति को खो देती है जो कि एक महिला का अनमोल रत्न उसका पति ही होता है।
यह हैरानी की बात है कि सीमा पर हम पर हमला होता है। तब हम अपनी ताकत से सम्बंधित मुद्दे उठाते है, चाहें वह सेना हो या बीएसएफ कमांडर या और कोई। इस सबके बीच हम यह भूल जाते है कि ये जवान दिन रात हमारे लिए क्या करते है। सेना तथा सीमा सुरक्षा बल हमारी हमारे देश की हमारी देश की सीमाओं की सुरक्षा करते है वे हमारे लिए अपनी जान देते है। उनके परिवार के जीविकोपार्जन करने वालो के बिना, बच्चे अपने पिता के बिना पत्निया अपने पति के बिना मां अपने बेटे के बिना जीते जी बलिदान देते है और जीवन भर एक असुरक्षित भविष्य का सामना करते है।
हमे उनसे प्यार करना चाहिए उन्हे सबसे अच्छी चीजे देनी चाहिए हमे उन पर राजनीतिज्ञों से ज्यादा ध्यान देना चाहिए जिस तरह की सुविधाए राजनेताओं को दी जाती हैं हमे उनसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। जिस तरह का प्यार हमारे यहां राजनेताओं को मिलता है वह एक सामान्य व्यक्ति को बहुत परेशान करने वाला होता है। दुनियाभर मे कहीं ऐसा अथवा एक दो अन्य देशों को छोड़कर, किसी भी देश के राजनेताओं को इतने बड़े पैमाने पर पर सुख-सुविधाओं से लैस बड़े बड़े बंगले लग्जरी वस्तुएं इतनी अधिक नहीं दी जाती हैं जितनी कि इस देश के नेताओं को दी जाती है।
मै समझता हूँ कि इतनी अंधेर रुकनी चाहिए। उन्हे पर्याप्त रूप से पेंशन तथा सुविधाएँ मिलती हैं जबकि बाकी का जीवन वे अच्छी तरह से खुद देखभाल कर सकते हैं। मेरी राय मे अपार्टमेंट उन्हे किराए पर देने के लिए बनाने चाहिए और सुरक्षा एक बड़े पैमाने मे सब को एक साथ देनी चाहिए। इस‍से देश का बहुत धन बचेगा। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री को तो संसद मे साइकिल से भी जाते देखा जा सकता है। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री तक को लोकल बसों मे सफर करते देखा जा सकता है। उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति जो कि ट्रेन की जरनल डिब्बे मे सफर करते देख सकते है, पर हमारे यहा भारत मे अगर कोई एक बार ग्राम प्रधान भी बन जाता है तो वो इतना कमा लेता है की उसकी सात पीढ़ियो तक को काम करने की जरूरत नहीं पड़ती हैं।
मेरे लिए एक सैनिक सम्मानीय है मै उन्हे सलाम करता हूँ। देश की सीमाएं बर्फ से ढकी हुई है कोई सबसे अच्छी वादिया नहीं हैं, न ही सबसे बढ़िया जूते है उनके पास हथियार भी नहीं है उनके पास फिर भी वे डटे हुए है।
हाल ही मे जो दुखांत हुआ उसे बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। एक ही बस में हमारे 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए। हमारी खुफिया एजेंसियां क्या कर रही थी ? मुझे नहीं पता इतनी भारी मात्रा मे विस्फोटक हमारी देश की सीमा मे दाखिल हो जाता है और किसी को भनक भी नहीं लगती है। ऐसा तो नहीं हम राजनीत की आड़ मे देश के गद्दारों की सुरक्षा कर रहे है क्यों नहीं उन्हे देखते ही गोली मार दी जाती है। यदि वाजपेई सरकार द्वारा आतंकवादियों को ना छोड़कर पकड़ते ही गोली मार दी जाती तो जसवंत सिंह को कंधार नहीं जाना पड़ता और राजग सरकार भी बड़ी शर्मिंदगी से बच जाती, क्यो हम ऐसे लड़को की जेलों मे भी रक्षा करते है।
सैनिकों के लिए कुछ ऐसे प्रावधान होने चाहिए कि यदि कोई सैनिक शहीद हो जाता है तो उसके परिवार मे किसी को तुरंत सरकारी नौकरी दे दी जानी चाहिए। 5 या 10 लाख देने से उनका भविष्य सुरक्षित नहीं हो जाता। इन्ही सैनिकों की वजह से हम सुरक्षित जीवन जीते है, जो दिन रात हमारी रक्षा करते है। हमे अपने बच्चों को इन सुरक्षाबलों को सैल्यूट करना सिखाना चाहिए जो हमारे लिए अपना जीवन न्योछावर कर देते है। मेरा मानना है कि युद्ध का संबंध यह सभी का नुकसान होगा चाहे वह पाकिस्तान हो, भारत हो, रूस हो, चीन हो या अमरीका या अन्य कोई भी देश। यह मनुष्य जाति का नुकसान है धन का, वस्तुओ का तथा भविष्य मे यह और भी खराब साबित हो सकता है। हमें इजरायल से सीखना चाहिए, कि इजरायल के चारों तरफ दुश्मन देश है, फिर भी कोई उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता। क्योंकि वहां की राजनीति अच्छी है।
हमारे पुलिस सुधार अभी भी अधर मे लटके हुए है। हमारे सैनिकों ने ड्यूटी के दौरान घटिया खाने बर्फ मे कटे-फटे जूतों के विडियो पोस्ट किए है। जो कि देश के लिए बहुत ही शर्मनाक है। बिना किसी सवाल जवाब के सभी सैन्य परिवारों को निशुल्क अवास शिक्षा तथा नौकरियां उपलब्ध करवानी चाहिए।