रिपोर्ट : सुनहरा
लखीमपुर-खीरी जिला अधिकारी के आदेश को नहीं मानता शिक्षा विभाग और कर रहा मनमानी क्योकि एक अप्रैल जिला अधिकारी ने भीषण गर्मी को देखते हुए 7 बजे स्कूल खोलने तथा 12 बजे बन्द करने का आदेश दिया था लेकिन इस आदेश का मजाक बना कर रख दिया है।
शिक्षा विभाग ने जिले में ज्यादातर स्कूल अपने निर्धारित समय से खुले डीएम का न आदेश ताक पर जैसा की बिजुआ में सैकड़ों स्कूलो में कभी भी समय से स्कूल न जाना शिक्षक का बना नियम क्योकि उन पर बीईओ संजय रॉय की दया दष्टी जो बनीं है। कैसे होगी बेहतर शिक्षा जब जिम्मेदारों के ही नही पड़ते स्कूलो में कदम तो अन्य टीचरों का क्या हाल होगा किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है और इससे अच्छा प्रमाण क्या हो सकता जो की बिजुआ ब्लाक का बेहतरीन अवार्ड पाने वाला बझेड़ा स्कूल ही बंद पाया गया। तो अन्य जगह का क्या हाल होगा पूर्व बीईओ अनुराग मिश्रा ने बहुत से नियमो का अपने कार्याकाल मे उल्लंघन किया था और बनाये थे अपने चेहते अपात्र संकुल प्रभारी जिनके नही पड़ते थे स्कूलो में कदम।
आज भी वही हाल जारी बीईओ बदल गए लेकिन नही बदली पूर्ब अपात्र एनपीआरसी की कार्यशैली घर बैठ बैठ कर सेलरी लेना बना शिक्षको का शौक। बीईओ को हर महीने मिल जाता है नजराना फिर जो चाहे करो जैसा चाहोगे वैसा ही होगा। चाहे स्कूल जाओ तो ठीक न जाओ तो ठीक बस समय से मिल जाये नजराना। बाकी चिंता की कोई बात नहीं शिक्षा विभाग पुरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबा है जिससे से शिक्षा का सपना सिर्फ सपना ही रह गया है।