जीवन की सुगमता से महिला आधारित विकास को बढ़ावा मिला - निर्मला सीतारमण

 



 


 


उज्ज्वला योजना और सौभाग्य योजना की दो मेगा पहलों ने हरेक ग्रामीण परिवार में महिलाओं के जीवन को रूपांतरित कर दिया है और उनके जीवन की सुगमता में नाटकीय रूप से सुधार किया है। यह जानकारी केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2019-20 प्रस्‍तुत करने के दौरान दी।


वित्त मंत्री ने कहा कि 7 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन के प्रावधान के माध्यम से, स्वच्छ रसोई गैस की घरेलू पहुंच में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। पूरे देश में सभी गांवों और लगभग 100% घरों में बिजली पहुंचाई गई है। कुशल कार्यान्वयन और उत्साहजनक अनुपालन से ग्रामीण परिवारों के लिए ऊर्जा की सुविधा में काफी सुधार हुआ है।


वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि भारत की आजादी के 75 वें वर्ष 2022, तक उनको छोड़कर, जो कनेक्शन लेने के लिए तैयार नहीं हैं, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को बिजली और स्वच्छ खाना पकाने की सुविधा उपलब्‍ध होगी।


सरकार ने मुद्रा, स्टैंड अप इंडिया और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) अभियान जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला उद्यमिता का समर्थन किया है और उन्‍हें प्रोत्साहन दिया है। महिला उद्यम को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए, बजट में सभी जिलों में महिला एसएचजी ब्याज छूट कार्यक्रम का विस्तार करने का प्रस्ताव है। जन धन बैंक खाता रखने वाली प्रत्येक सत्यापित महिला एसएचजी सदस्य को 5000 रुपए की ओवरड्राफ्ट की अनुमति दी जाएगी। प्रत्येक एसएचजी में एक महिला मुद्रा योजना के तहत 1 लाख रुपए तक के ऋण की पात्र होगी। मुद्रा योजना के तहत सत्तर प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं।


2019-20 में आईसीडीएस के लिए बजटीय आवंटन को बढ़ाकर 27,584 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है, जो कि 2018-19 में 23,357 करोड रुपए था।