रिपोर्ट : अजीत कुमार
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो देशों फिलीपींस और जापान के अपने दौरे के अंतिम चरण में 21 अक्टूबर को जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे। राष्ट्रपति ने 22 अक्टूबर को जापान के शाही महल में सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शिरकत की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्याभिषेक समारोह के दौरान अलग से नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से भेंट की। राष्ट्रपति ने विचार-विमर्श के दौरान कहा कि नेपाल के साथ निरंतर बढ़ती एवं मजबूत होती साझेदारी हमारी सरकार के लिए एक प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह पड़ोस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने संबंधी भारतीय विजन के अनुरूप है। राष्ट्रपति ने कहा, 'नेपाल के साथ अपनी विकास साझेदारी को भारत विशेष अहमियत देता है। नेपाल सरकार द्वारा तय की गई प्राथमिकताओं के अनुसार ही नेपाल के आर्थिक विकास एवं तरक्की में इस देश को आवश्यक सहयोग देने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।'
फिर इसके बाद संध्या में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जापान में भारत के राजदूत संजय कुमार वर्मा द्वारा टोक्यो में आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत व्यापक बदलाव के पथ पर अग्रसर है। हमारी अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार के साथ विकसित हो रही है। हम नई बुनियादी ढांचागत सुविधाएं सृजित कर रहे हैं। हम डिजिटल अर्थव्यवस्था नई प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और ज्ञान समाज की रूपरेखा को विशेष स्वरूप प्रदान करने के मोर्चों पर पूरी दुनिया की अगुवाई करने के प्रयास कर रहे हैं। भारत अपनी प्रगति और समृद्धि में भाग लेने के लिए भारतीय समुदाय को अपार अवसर प्रदान करता है।' उन्होंने कहा, 'भारत दरअसल भारतीय समुदाय के सहयोग एवं प्रतिबद्धता की आशा रखता है, ताकि हमारे सपनों के भारत का निर्माण किया जा सके। यह एक ऐसा भारत होगा जो अपनी प्रगति एवं समृद्धि से लाखों घरों को रोशन करेगा। यही नहीं, यह एक ऐसा भारत होगा जो सभी की आवश्यकताओं का ख्याल रखेगा।'
राष्ट्रपति ने कहा, 'जापान के साथ हमारे सांस्कृतिक संबंध अत्यंत गहरे और ऐतिहासिक हैं। हम बौद्ध धर्म से लेकर हिंदू धर्म तक तथा उससे भी परे आध्यात्मिक एवं धार्मिक जुड़ाव को साझा करते हैं। हमारे रणनीतिक, राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग नए मुकाम पर पहुंच गए हैं। जापान हमारी अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने में हमारे लिए एक प्रमुख साझेदार है। मुम्बई से अहमदाबाद तक हाई स्पीड रेल परियोजना में जापान की साझेदारी हमारे गहरे पारस्परिक विश्वास एवं मित्रता का एक प्रतीक है। पारस्परिक तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए हमने भारत-जापान डिजिटल साझेदारी कायम की है।'
राष्ट्रपति ने 21 अक्टूबर को त्सुकिजी होंगवानजी बौद्ध मंदिर का दर्शन किया और इसके साथ ही उन्होंने बोधगया से लाए गए एक पौधे का रोपण किया। राष्ट्रपति ने शिंतो मीजी तीर्थ का भी मुआयना किया। राष्ट्रपति ने गोटेम्बा पगोडा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद किया।