दुनिया भर के उद्योगों एवं सरकारों के साथ जुड़ने के उद्देश्य से और भारत और शेष विश्व के बीच सेवाओं में व्यापार के वृहत्तर आदान प्रदान को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग ने सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (एसईपीसी) और भारत उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से एक समर्पित मंच, सेवाओं पर वैश्विक प्रदर्शनी (जीईएस) का सृजन किया है, जो एक वार्षिक कार्यक्रम है।
जीईएस 2019 का पांचवां संस्करण कर्नाटक के बंगलूरू में 26 से 28 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। यह 12 चैंपियन सेवा क्षेत्रों के अन्वेषण, 100 देशों की व्यापक भागीदारी और क्षेत्र विशिष्ट ज्ञान सत्रों की मेजबानी के द्वारा वैश्विक क्षेत्र में भारतीय सेवाओं के मानदंड को ऊपर उठाने का एक प्रयास है। भारत उड्डयन एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम, अवसंरचना, दूर संचार परियोजनाओं, वित्तीय प्रबंधन एवं लेखांकन, कंटेंट, डिजाइन, मीडिया वितरण एवं आउट सोर्सिंग प्रकाशन कार्य, बौद्धिक संपदा प्रबंधन सेवाओं एवं पर्यावरणगत/सामाजिक प्रभाव आकलन जैसे कार्यनीतिक क्षेत्रों में निवेदशों एवं साझेदारियों को आकर्षित करने की योजना बना रहा है।
जीईएस के जरिए भारत सरकार सभी साझीदारों के बीच बहुपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने, सेवा निर्यातों के लिए क्षमताओं का दोहन करने और एफडीआई आवक बढ़ाने के लिए कार्यनीतिक सहयोग बढ़ाने और संयोजन विकसित करने का प्रयास कर रही है।
जीईएस 2019 प्रमुख चैंपियन सेवा क्षेत्रों पर केंद्रित ज्ञान सत्रों की मेजबानी करेगा एवं कई बी2बी, बी2जी एवं बी2सी बैठकों का आयोजन करेगा।
जीईएस 2019 में एसईपीसी ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने का भी प्रयास कर रहा है। ई-स्पोर्ट्स उद्योग के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है और 2017 में ई-स्पोर्ट्स बाजार में सृजित विश्वव्यापी राजस्व 655 मिलियन डॉलर का था। इस बाजार के 2022 तक 1.8 बिलियन डॉलर के करीब सृजित करने की उम्मीद है। औसत प्रो-गेमर्स की नियमित मासिक वेतन 1000 डॉलर से 5000 डॉलर के बीच रह सकती है, जो उस धन के अतिरिक्त होगा जो वे पुरस्कारों से प्राप्त करते हैं। 2016 में ई-स्पोर्ट्स के 270 मिलियन वैश्विक प्रशंसक थे और इस संख्या के 2020 में 495 मिलियन तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
जीईएस 2019 के लिए भारत ने कई देशों से ई-स्पोर्ट्स संघों को आमंत्रित किया है। प्रतिभागियों के इंडोनेशिया, विएतनाम, नेपाल, श्रीलंका, जापान, मालदीव, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और कोरिया से आने की उम्मीद है।
एसईपीसी जीईएस 2019 के दौरान भारत के इलेक्ट्रॉनिक स्पोर्ट्स फेडरेशन (ईएसएफआई) के सहयोग से नेशन्स कप (अंतरराष्ट्रीय ई-स्पोर्ट्स प्रतियोगिता) का आयोजन कर रहा है। नेशन्स कप जीईएस के दौरान एक प्रमुख आकर्षण होगा और यह विशेष रूप से ई-स्पोर्ट्स, गेमिंग और एनिमेशन में सेवा उद्योग के लिए विविध रास्ते खोलेगा।
नेशन्स कप में दो चरण होंगे, पहले दिन इंडिया क्वालीफायर्स का आयोजन होगा, जबकि दूसरे दिन के बाद संबंधित देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए विभिन्न राष्ट्रीय ई-स्पोर्ट्स संघों की 8 ई-स्पोर्ट्स की टीमें नेशन्स कप के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। इंडिया क्वालीफायर्स की विजेता टीम नेशन्स कप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। विजयी देश की ई-स्पोर्ट्स टीम का नेशन्स कप ट्रॉफी पर अधिकार होगा।
जीईएस 2019 के दौरान युवा अधिवक्ताओं के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है, जो अपने वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ-साथ बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मामलों में जिरह करेंगे। इस प्रतियोगिता में बिम्सटेक (बांग्लादेश, भारत, म्यामार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल एवं भूटान) तथा सीएलएमवी (कंबोडिया, लाओस, म्यामार एवं विएतनाम) देशों के प्रतिभागियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
जीईएस 2019 में 100 देशों के विदेशी शिष्टमंडलों एवं भारत के 15 राज्यों के प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है। भारत बौद्ध परिपथ, रोमांचक खेलों एवं कैंपिंग पर्यटन जैसे उत्कृष्ट पर्यटन को बढ़ावा देने की भी उम्मीद कर रहा है। उत्तर प्रदेश मुख्य रूप से पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए साझीदार राज्य है और जीईएस 2019 में इसका अलग से राज्य मंडप होगा।
सेवा क्षेत्र में और अधिक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत ने तीन श्रेणियों: ई-टूरिस्ट, ई-मेडिकल एवं ई-बिजनेस में ई-वीजा प्रणाली को उदार बनाया है, जिससे कि इन क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा सके। चिकित्सा पर्यटकों के लाभ के लिए सभी देशों के नागरिकों के पास अब पांच वर्षों की अवधि के लिए मल्टीपल एंट्री टूरिस्ट एवं बिजनेस वीजा उपलब्ध है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरू एवं हैदराबाद के छह भारतीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर अलग इमिग्रेशन काउंटर एवं फेसिलिटेशन डेस्क उपलब्ध कराए गए हैं।
वाणिज्य विभाग के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के जरिए भारत सरकार भारत से सेवा निर्यात स्कीम (एसईआईएस) के जरिए सेवा निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के द्वारा निर्यात विकसित करने का प्रयास कर रही है, जिसे 2015-2020 की विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में एक प्रोत्साहन योजना के रूप में लागू किया गया है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सेवा निर्यातकों को एसईआईएस प्रोत्साहनों के रूप में 4262.80 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
एसईआईएस के तहत रिवार्ड्स ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स के रूप में उपलब्ध कराए जाते हैं जो निर्गम की तिथि से 24 महीनों तक वैध होते हैं और जिनका आयातित की गई वस्तुओं पर मूल एवं अतिरिक्त सीमा शुल्क के भुगतान के लिए उपयोग किया जा सकता है। ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स स्वतंत्र रूप से हस्तांतरणीय होते हैं। इसलिए अगर निर्यातक ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स का उपयोग नहीं कर सकते, तो इन्हें खुले बाजार में बेचा जा सकता है। स्क्रिप्स के हस्तांतरण/बिक्री के लिए जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है।