उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा है कि भारत विश्व में नेतृत्व की भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की नेतृत्व की स्थिति सभी क्षेत्रों में दिख रही है चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, बहुपक्षीय व्यापार उदारीकारण हो या भौगोलिक विषय। उन्होंने कहा कि भारत को केवल बढ़ती अर्थव्यवस्था तथा बाजार क्षमता के संदर्भ में मजबूत शक्ति समझा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के बारे में पूरे विश्व में उत्साह है। नायडू दिल्ली में 21वां एसोचेम जेआरडी टाटा स्मृति व्याख्यान दे रहे थे।
उन्होने कहा कि जेआरडी टाटा न केवल भारतीय उद्योग के पुरोधा थे बल्कि बढ़ते भारत को देखने वाले दूरदर्शी नेता थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जेआरडी टाटा उच्च नैतिक मानकों के पर्याय और उद्यमशीलता की अग्रणी शक्ति थे।
नायडू ने वर्तमान स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि भारत अर्थव्यवस्था के मूल मजबूत हैं और सरकार के जारी विभिन्न सुधार कार्यक्रर्म से भारत में अगले 10 सालों में अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने की क्षमता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार द्वारा हाल में उठाए गए कदमों से निवेश को गति मिलेगी, पूंजी प्रवाह बढ़ेगा और आने वाले समय में जीडीपी में वृद्धि होगी।
भारत के 130 करोड़ आकांक्षी लोगों के सबसे बड़े ओर सर्वाधिक जीवंत लोकतंत्र होने पर गर्व व्यक्त हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में चाहे वो आर्थिक हो, भौगोलिक, राजनैतिक प्रभाव हो या रक्षा खेल विज्ञान सूचना प्रौद्योगिकी या अंतरिक्ष टेकनोलोजी सभी क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि व्यवसाय करने के लिए उचित माहौल बनाया गया है। उन्होंने उद्योग जगत के लोगों से अवसरों का भरपूर लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बढ़ते भारत का अर्थ प्रत्येक भारतीय के जीवन यापन के मानकों में वृद्धि है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक सुग्मयता के साथ-साथ जीवन की सुग्मयता भी होनी चाहिए।
डिजिटल इंडिया, जन-धन योजना तथा स्व्च्छ भारत जैसे विभिन्न जन केन्द्रित कार्यों के बारे में नायडू ने कहा कि डिजिटल टेकनोलोजी के व्यापक इस्तेमाल से भ्रष्टाचार में कमी आई है और पारदर्शिता में सुधार हुआ है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल भारत कार्यक्रम देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यव्था के रूप में बदल रहा है। जन-धन योजना ने संक्षिप्त समय में सबसे अधिक संख्या में बैंक खाता खोलने का विश्व रिकॉर्ड बनाया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारा फोकस अब वित्तीय साक्षरता पर होना चाहिए। उन्होंने लोगों तक वित्तीय सक्षारता को पहुंचाने के लिए निजी क्षेत्र से सरकार, वित्तीय संस्थानों तथा स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।