केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में 5 घंटे से ज्यादा समय तक फंसे रहे, क्योंकि सैकड़ों छात्रों ने परिसर को घेर लिया। छात्र शुल्क में बढ़ोतरी व जेएनयू प्रशासन के कुछ अन्य फैसलों के खिलाफ विश्वविद्यालय के प्रवेशद्वार के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पोखरियाल सुबह करीब 11 बजे जेएनयू पहुंचे। घंटों तक फंसे रहने के बाद अनुरक्षक दल के साथ उन्हें 4 बजे बाहर निकाला गया।
इस दौरान विशेष आयुक्त आर.एस.कृष्णा सहित दूसरे शीर्ष अधिकारी परिसर में पहुंच गए थे। इससे पहले, पुलिस व केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। उन्होंने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, लेकिन वे घंटों तक अडिग रहे। प्रदर्शन का आयोजन जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन (जेएनयूएसयू) ने किया था।
छात्र जेएनयू प्रशासन के हालिया आदेश का विरोध कर रहे थे, जिसमें हॉस्टल, मेस व सिक्योरिटी शुल्क को कथित तौर पर 400 फीसदी बढ़ाया गया है। प्रशासन ने हॉस्टल में रहने की अवधि को भी सीमित कर दिया है।
यह प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ, जब विश्वविद्यालय एक दीक्षांत समारोह आयोजित कर रहा था, जिसमें उप राष्ट्रपति व पोखरियाल मौजूद थे। नायडू व्याख्यान देने के बाद वहां से चले गए, लेकिन पोखरियाल वहां घंटों तक फंसे रहे। छात्र यूनियन ने दीक्षांत समारोह के बहिष्कार का आह्वान किया था और प्रशासन द्वारा प्रस्तावित हॉस्टल ड्रॉफ्ट मैनुअल व शुल्क बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की।