कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड वित्तीय वर्ष 2020-21 में 750 मिलियन टन कोयला का उत्पादन करेगी और वित्त वर्ष 2023-24 में यह एक बिलियन टन कोयला का उत्पादन करेगी। मंत्री द्वारा इस लक्ष्य की घोषणा आज कोलकाता में सीआईएल की 45 वीं स्थापना दिवस के अवसर पर एक संबोधन के दौरान किया गया।
वर्तमान समय में, सीआईएल के लिए 660 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है जो कि देश में कोयला उत्पादन का 82% है। सीआईएल द्वारा रोजगार को बढ़ावा देने के लिए लगभग दस हजार नई नौकरियों का प्रस्ताव देने की संभावना है। जोशी ने सीआईएल को राष्ट्र की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इसके लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया और सीआईएल को इस संदर्भ में कोयला मंत्रालय से हर संभव मदद देने का भी आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि, “यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि कोल इंडिया ने अपने कार्यों और कार्यक्रमों का विस्तार करने के लिए बड़ी पूंजी निवेश की योजना बनाई है और साथ ही यह संचालन के लिए नई तकनीकों को भी लेकर आया है। कंपनी के द्वारा नए कर्मचारियों को भी काम पर रखा जाएगा और मुझे उम्मीद है कि इसके द्वारा सभी निर्धारित लक्ष्यों को समय पर प्राप्त कर लिया जाएगा।”
प्रहलाद जोशी ने कहा कि बिजली की मांग में तेज गति से वृद्धि को देखते हुए, सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के लिए, एक दूसरे पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, कोयले का उत्पादन करने का पर्याप्त अवसर मौजूद है। केंद्र सरकार द्वारा कोयला के क्षेत्र में स्वतः अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत 100% एफडीआई के हाल में लिए गए फैसले के बारे में बताते हुए, इस क्षेत्र में अति आवश्यक संरचनात्मक सुधारों में से एक के रूप में, उन्होंने कहा कि यह कोयला के आयात की मात्रा को कम करेगा और पारस्परिक रूप से लाभकारी साबित होगा। मंत्री ने घरेलू खिलाड़ियों और श्रमिक संघों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए इस बात को दुहराया कि कोयले में एफडीआई का मतलब कोल इंडिया में एफडीआई नहीं है।
अपने संबोधन के दौरान, मंत्री ने कोल इंडिया से जल का संरक्षण करने और कोयला खनन क्षेत्रों या उसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए उपचरित पानी उपलब्ध कराने के लिए जल शक्ति अभियान से जुड़ने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री द्वारा 2,025 तक भारत से क्षय रोग (टीबी) का उन्मूलन करने के आह्वान पर, मंत्री ने कोल इंडिया से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रम के अंतर्गत 2,024 तक अपने और आसपास के कोयला खनन क्षेत्रों से टीबी का उन्मूलन करने की अपील की। मंत्री ने सरकार द्वारा नीतिगत सुधारों में मील का पत्थर साबित होने वाली बातों पर भी प्रकाश डाला जैसे कि बंद कोयला खदानों के आवंटन के लिए ई-नीलामी की शुरूआत, भारत में पारदर्शी रूप से कोयला का दोहन और आवंटन की योजना (शक्ति), तीसरी पार्टी के लिए कोयले के नमूने की प्राप्ति, भारत में कोयले की खानों का पुन: उन्नयन इत्यादि।