निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक नियुक्त किये जाने वाले अधिकारियों की बैठक बुलाई

 


 


 



 


 


निर्वाचन आयोग ने झारखंड़ विधानसभा चुनाव में तैनात किये जाने वाले पर्यवेक्षकों की आज बैठक बुलाई। राज्य में पांच चरणों में 30 नवंबर, 7 दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर को मतदान होगा। राज्य के लिए चुनाव अधिसूचना एक नवंबर को जारी की गई थी। इस दौरान भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय राजस्व सेवा के करीब 300 अधिकारियों की नियुक्ति राज्य में सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में की जाएगी।


बैठक में पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि सुचारू तथा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में पर्यवेक्षकों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों को जमीनी स्थिति के अनुरूप जरूरी फैसले लेने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि चुनाव आयोग उनके ऐसे फैसलों का पूरा समर्थन करेगा।


अऱोड़ा ने पर्यवेक्षकों को अपने क्षेत्र में हमेशा लोगों के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें अपनी ड्यूटी के दौरान लोगों के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए तथा सभी हितधारकों का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का एक दल जल्द ही झारखंड़ का दौरा करेगा और वहां चुनाव तैयारियों के बारे में पर्यवेक्षकों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये जानकारी लेगा।


बैठक में चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा ने अधिकारियों से कहा कि पर्यवेक्षकों के रूप में उन्हें निर्वाचन आयोग की ओर से वैधानिक जिम्मेदारी निभानी है। उन्होंने कहा कि झारखंड़ में पर्यवेक्षकों को कुछ विशेष किस्म की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए उन्हें अपनी ड्यूटी निभाते समय ज्यादा निष्पक्ष और तटस्थ रहते हुए निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि स्थानीय स्तर पर पूरी चुनावी मशीनरी पर्यवेक्षकों को एक दोस्त, दार्शनिक और मार्ग दर्शक के रूप मे देखती है उन्हें ज्यादा सजग और सबकी पहुंच में बने रहना चाहिए।


चुनाव आयुक्त ने कहा कि पर्यवेक्षकों को मतदान केन्द्रों पर सभी सुविधाएं, वहां संभावित खतरों तथा गड़बड़ी की स्थिति में गैर जमानती वारंट जारी करने, गैर लाइसेंस वाले हथियार जमा करने तथा चुनावी खर्चों के प्रबंधन के बारे में निर्वाचन आयोग के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।


बैठक में निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने पर्यवेक्षक बनाए जाने वाले अधिकारियों को चुनाव से संबंधित योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप से जुड़े पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी जबकि वरिष्ठ उप-चुनाव आयुक्त श्री संदीप सिन्हा ने मतदाता सूची और सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल तथा दूसरे उप-चुनाव आयुक्त सुधीर जैन ने वीवी पैट के प्रबंधन और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों तथा इनसे जुड़ी कानूनी जानकारियां दी। सुधीर जैन को झारखंड़ चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसलिए उन्होंने पर्यवेक्षकों को राज्य मशीनरी द्वारा की जा रही तैयारियों की जानकारी दी। व्यय महानिदेशक दिलीप शर्मा ने अधिकारों को चुनावी खर्चे के प्रबंधन की जानकारी दी जबकि संचार महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा ने अधिकारियों को पेड न्यूज, मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों तथा सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दों की जानकारी दी।


बैठक में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि निर्वाचन आयोग पहली बार 80 और उससे ज्यादा उम्र वाले लोगों तथा दिव्यांगजनों के लिए डाक मत पत्र सुविधा की व्यवस्था कर रहा है। विधि मंत्रालय ने इसके लिए चुनाव नियम 1961 में हाल ही में संशोधन किया है। नई व्यवस्था के तहत यदि ये लोग मतदान केन्द्र तक नहीं जा सकते तो उऩके पास डाक मत पत्र का विकल्प होगा। अधिकारियों को मतगणना तथा चुनाव नतीजों की जानकारी देने, उम्मीदवारों के ब्यौरों की जांच, नामांकन पत्रों की जांच तथा उनके द्वारा दायर हल्फनामों की जांच के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में भी जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि कतार में खड़े बिना वोट डालने की व्यवस्था तथा फोटो वोटर स्लिप की क्यू आर कोड पढ़ने के लिए अन्य एप्लिकेशनों की सुविधा के बारे में भी बताया गया।