रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ. एन जी ईंग ने सिंगापुर में आयोजित चौथी सिंगापुर-भारत रक्षा मंत्री संवाद का सह संचालन किया। दोनों मंत्रियों ने भारत एवं सिंगापुर के आपसी मजबूत रक्षा संबंधों पर संतोष प्रकट किया और इस क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए आगामी पहलों में साथ देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
मंत्रियों ने समुद्री क्षेत्र में सहयोग के विस्तार की सराहना की। सिंगापुर-भारत-थाईलैंड समुद्री अभ्यास (एसआईटीएमईएक्स) के उद्घाटन संस्करण का संचालन सितंबर 2019 में अंडमान सागर में किया गया। इस अभ्यास ने तीनों देशों के बीच संचार की समुद्री लाइनों को खुला रखने और परस्पर सहयोग बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया। इसमें भाग लेने वाली नौसेनाओं के लिए यह अभ्यास उपयोगी सिद्ध हुआ और वार्षिक आधार पर इसके संचालन पर सहमति प्रकट की गई है।
सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने भारत में सिंगापुर की सशस्त्र सेनाओं के प्रशिक्षण के लिए लगातार सहायता प्रदान करने के लिए भारत की सराहना की। इस वर्ष सिंगापुर एवं भारत की वायुसेना के संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण की 10वीं वर्षगाँठ के स्मरणोत्सव के दौरान पहली बार इस अभ्यास का विस्तार करते हुए इसमें एक हवाई-समुद्री घटक को शामिल किया गया। द्विपक्षीय अभ्यासों की जटिलता, दोनों देशों के आपसी विश्वास और सम्मान को परिलक्षित करती है।
राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (एडीएमएम प्लस) और अन्य पहलों में भारत की तरफ से पूर्ण समर्थन और सक्रिय भागीदारी करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डॉ. एनजी ने आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस विशेषज्ञ (एडीएमएम प्लस एक्सपर्ट्स) कार्य दल में मानवतावादी सहायता और आपदा राहत पहुंचाने के लिए सह-चेयरमैन के रूप में भारत को समर्थन देने की बात कही और आसियान के अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों रूपों में भारत की बढ़ते सम्बंधों का स्वागत किया। इस संबंध में, सूचना की साझेदारी और क्षमता बनाने जैसे क्षेत्रों में मानवतावादी सहायता पहुंचाने और आपदा राहत को और बढ़ाने की आपसी वचनबद्धता की पुष्टि करने के दृढ़ संकल्प पत्र पर अंतिम निर्णय लिए जाने का दोनों तरफ से स्वागत किया गया।
मंत्रियों ने रक्षा प्रोद्योगिकी सहयोग में हुई प्रगति की सराहना की। सिंगापुर रक्षा स्थापना द्वारा चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज का प्रयोग करने के लिए समझौता ज्ञापन पर अंतिम निर्णय लिए जाने हेतु संकल्प पत्र का दोनों तरफ से आदान-प्रदान किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की रक्षा परीक्षण अवसंरचना के अंतर्गत संयुक्त अभ्यास सुविधा स्थापित करने की पेशकश की। डॉ. एनजी ने संयुक्त सहयोग के लिए अवसरों के अन्वेषण पर सहमति प्रकट की। दोनों मंत्रियों ने कृत्रिम आसूचना, भू-स्थानिकआंकड़े का सहभाजन तथा साईबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग का अन्वेषण करने पर सहमति प्रकट की। अगले वर्ष रक्षा मंत्रियों के पांचवे संवाद का आयोजन भारत में करने के लिए दोनों देशों की सुविधानुसार तारीख निर्धारित करने पर सहमति हुई।
बहुकालीन द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से दोनों देशों के द्वारा संशोधित रक्षा सहयोग अनुबंध (डीसीए) पर हस्ताक्षर करने के उपरांत भारत और सिंगापुर के रक्षा मंत्रियों के बीच संवाद वर्ष 2015 के बाद शुरू किया गया था। तब से,भारत और सिंगापुर की सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों के बीच रक्षा प्रोद्योगिकी सहयोग में विस्तार हुआ है और ये संबंध मजबूत हुए हैं।
इसके पहले, सिंगापुर के दौरे के अंतिम दिन रक्षा मंत्री ने क्रांजी समर समारक का दौरा किया और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की।