संविधान दिवस के 70वें सालगिरह के मौके पर संसद के संयुक्त सदन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया।
संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हमें अधिकारों के अलावा संविधान में प्रदत्त कर्तव्यों के बारे में भी सोचना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि नागरिक अपने अधिकारों के साथ-साथ नागरिक कर्तव्यों का भी पालन करें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, संविधान को अपनाए हुए 70 साल हो गए। इस मौके पर सभी देशवासियों को बधाई। संविधान निर्माताओं द्वारा सुनिश्चित किए गए समान अवसर के बल पर ही, आज मुझे, राष्ट्रपति के रूप में, संसद की इस ऐतिहासिक बैठक को संबोधित करने का अवसर मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा, कुछ दिन और अवसर ऐसे होते हैं जो हमारे अतीत के साथ हमारे संबंधों को मजबूती देते हैं। हमें बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने 29 नवंबर के दिन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि 70 साल पहले हमने विधिवत रूप से, एक नए रंग रूप के साथ संविधान को अंगीकार किया था।
नरेंद्र मोदी ने संविधान निर्माताओं को याद किया और कहा कि उनके बिना संविधान बनना मुश्किल था। उन्होंने कहा, राजेंद्र प्रसाद, डॉ अंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद, सुचेता कृपलानी, जॉन मथाई, पुरुषोत्तम दास टंडन ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष योदगान देकर हमें ये विरासत दी है।
सरकार 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मना रही है क्योंकि इसी दिन 1949 में संविधान को अंगीकृत किया गया था और बाद में 26 जनवरी, 1950 को यह लागू हुआ था जहां से भारत की एक गणतंत्र के रूप में शुरुआत हुई।