केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी "लैंडस्लाइड्स रिस्क रिडक्शन एंड रेजिलिएशन" पर होने वाले प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (एनआईडीएम) द्वारा किया जा रहा है, जो कि देश में इस विषय पर अपने तरह का पहला कार्यक्रम है और यह पहाड़ी राज्यों में आपदा प्रबंधन के लिए बहुत उपयुक्त साबित होगा।
इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रासंगिक मंत्रालयों/ संगठनों/ विश्वविद्यालयों/ विभागों और विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों को एक साथ लाना है, जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भूस्खलन के जोखिमों में कमी और लचीलापन लाने के लिए चर्चा, बहस और व्यावहारिक रूप से उपयोगी ज्ञान, सूचना, अनुभव और नवाचारों को किया जा सके। यह सम्मेलन विभिन्न हितधारकों के बीच नेटवर्किंग, सहयोग और समन्वय के माध्यम से भूस्खलन जोखिमों में कमी और लचीलापन लाने की दिशा में एक रोड मैप विकसित करेगा।
सम्मेलन में वैज्ञानिक, इंजीनियर, टेक्नोलॉजिस्ट, योजनाकार, डेवलपर्स, प्रशासक, देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ अन्य देशों के नीति निर्माता और निर्णयकर्ता भाग लेंगे और अपने विचारों को साझा करेंगे। 50 से भी ज्यादा बौद्धिक भागीदारों द्वारा इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनआईडीएम को समर्थन दिया जा रहा है, जिसमें इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑन लैंडस्लाइड्स (आईसीएल), स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट कॉपरेशन (एसडीसी), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), आईटीसी नीदरलैंड, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग एशिया एवं पेशिफिक (यूएन ईएससीएपी), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएडीपी), एशियन डिजास्टर प्रिपेरिड्नेस सेंटर (एडीपीसी), इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर प्रमोटिंग जियो-एथिक्स (आईएपीजी), अंतर्राष्ट्रीय भौगोलिक संघ (आईजीयू), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), सीएसआईआर, आईआईटी, विश्वविद्यालय, यूजीसी, एआईसीटीई, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग, प्रसार भारती और कई अन्य संबंधित हितधारक शामिल हैं।