घरेलू एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए फुटवियर एवं फर्नीचर पर सीमा-शुल्क में वृद्धि

 


 



 


केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश किया। एमएसएमई क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फुटवियर और फर्नीचरों जैसे मदों पर सीमा-शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसे मदों के आयात पर कड़े उपाय करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिन्हें हमारे एमएसएमई द्वारा तैयार किया जाता है। सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई में श्रमिक आधारित क्षेत्र हमारे लिए रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण हैं।


धरेलू चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संसाधन के सृजन पर जोर देते हुए, वित्त मंत्री ने एक मामूली स्वास्थ्य अधिभार (5 प्रतिशत) लगाने का प्रस्ताव किया। भारत में तैयार किए जाने वाले चिकित्सा उपकरणों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है । महत्वाकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अवसंरचना के सृजन में इस अधिभार का इस्तेमाल किया जाएगा।


व्यापक जनहित में, केन्द्रीय बजट में पीटीए पर एनटी डंपिंग शुल्क समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पीटीए वस्त्र के रेशों एवं धागों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। वस्त्र क्षेत्र में इसकी व्यापक संभावना का द्वार खोलने के लिए किफायती मूल्यों पर इसकी उपलब्धता की जरूरत है। यह क्षेत्र रोजगार सृजन के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है।


केन्द्रीय बजट 2020-21 प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सीमा-शुल्क अधिनियम में समुचित प्रावधान लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में, विशेषकर कुछ संवेदनशील सामग्रियों के लिए मौलिक नियमों की समीक्षा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो कि हमारी नीति के अनुरूप मुक्त व्यापार समझौतों के बीच तालमेल कायम हो।


वित्त मंत्री ने कहा कि हम शुल्कों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों को भी मजबूत कर रहे हैं, जिन्हें आयातों में उतार-चढ़ाव के दौरान घरेलू उद्योग के गंभीर नुकसान के समय इस्तेमाल में लाया जाता है।