सरकार ने सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 2020-21 के केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आबंटित 69,000 करोड़ रुपये में से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 6,400 करोड़ रुपये दिये गये हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पैनल में 20,000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं। सरकार इस योजना का लाभ और ज्यादा गरीब लोगों तक पहुंचाने के लिए इस योजना का दायरा दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों तक बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से अस्पताल खोलने के लिए पूंजी की कमी की भरपाई करेगी। योजना के तहत पहले चरण में ऐसे आकांक्षी जिलों को शामिल किया जाएगा, जहां आयुष्मान योजना के पैनल वाले कोई भी अस्पताल नहीं है। इससे युवाओं को रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे। चिकित्सा उपकरणों पर लगाये जाने वाले करों का इस्तेमाल स्वास्थ्य क्षेत्र की ऐसी महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं के लिए किया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी और चिकित्सा समुदाय आयुष्मान भारत योजना के तहत मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोगों के उपचार के लिए विकसित किये गये सक्षम तरीकों का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' अभियान की शुरूआत की गई है। इसके जरिये 2025 तक देश से तपेदिक उन्मूलन की दिशा में सशक्त प्रयासों का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2024 तक देश के सभी जिलों में 2,000 किस्म की दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध कराने वाले जन औषधि केन्द्रों का विस्तार किया जाएगा।